Jay shree Radhey Krishna

कृष्ण उठत, कृष्ण चलत, कृष्ण शाम-भोर है।

कृष्ण बुद्धि, कृष्ण चित्त, कृष्ण मन विभोर है॥

कृष्ण रात्रि, कृष्ण दिवस, कृष्ण स्वप्न-शयन है।


कृष्ण काल, कृष्ण कला, कृष्ण मास-अयन है॥


कृष्ण शब्द, कृष्ण अर्थ, कृष्ण ही परमार्थ है।


कृष्ण कर्म, कृष्ण भाग्य, कृष्ण ही पुरुषार्थ है॥


कृष्ण स्नेह, कृष्ण राग, कृष्ण ही अनुराग है।


कृष्ण कली, कृष्ण कुसुम, कृष्ण ही पराग है॥


कृष्ण भोग, कृष्ण त्याग, कृष्ण तत्व-ज्ञान है।


कृष्ण भक्ति, कृष्ण प्रेम, कृष्ण ही विज्ञान है॥


कृष्ण स्वर्ग, कृष्ण मोक्ष, कृष्ण परम साध्य है।


कृष्ण जीव, कृष्ण ब्रह्म, कृष्ण ही आराध्य है!!


💐 🌹॥ॐनमो भगवते वासुदेवाय॥🌹 💐


Happy Birth Day to Lord Krishna the great friend,
philosopher and guide of Arjun.

Happy Teachers Day also who taught the

Theory of Karma to disappointed
Arjun at the battle of Mahabharata .

एक मैसेज अभी सोशल मीडिया में चल रहा हैं,
जिसमे प्रभु श्री कृष्णा को टपोरी, लफड़ेबाज़,
मर्डरर, तड़ीपार, इत्यादि कहा गया हैं ।
अपने देवताओं को टपोरी बिलकुल भी ना कहें।
कृष्ण जी ने नाग देवता को नहीं बल्कि लोगों के प्राण

लेने वाले उस दुष्ट हत्यारे कालिया नाग का मर्दन
किया था जिसके भय से लोगों ने यमुना नदी
में जाना बन्द कर दिया था।
कंकड़ मारकर लड़कियाँ नहीं छेड़ते थे,

अपितु दुष्ट कंस के यहाँ होने वाली मक्खन
की जबरन वसूली को अपने तरीके से रोकते थे
और स्थानीय निवासियों का पोषण करते थे।
और दुष्ट चाहे अपना सगा ही क्यों न हो,

पर यदि वो समाज को कष्ट पहुँचाने वाला हो
तो उसको भी समाप्त करने में संकोच नहीं करना चाहिए,
यह भगवान कृष्ण से सीखा है।
16000 लफड़े नहीं थे, नरकासुर की कैद से

छुड़ाई गई स्त्रियाँ थी।
जिन्हें सम्भवतः समाज स्वीकार नहीं कर रहा था,
उन्हें पत्नी का सम्मानजनक दर्जा दिया।
वो भोगी नहीं योगी थे।

इसलिए उन्हें भगवान मानते हैं।

कृपया भविष्य में कभी भी किसी हिन्दू देवी देवता के लिये कोई अपमानजनक बात न तो प्रसारित करें और न ही करने दें।
यदि यह संदेश किसी और ने आपको भेजा है तो उसे भी रोकें। मेरी आप सबसे हाथ विनती है कि अगर आप के और किसी भी अन्य Group में या FaceBook पर कृष्णा के लिए गलत शब्दों का प्रयोग किया गया मैसेज देखें तो इस मैसेज को वहां पोस्ट जरूर करें।।

आप को एवं आप के परिजनोँ को
जन्माष्टमी की कोटि-कोटि बधाईयाँ
    जय श्री राधे कृष्णा



दुर्योधन ने श्री कृष्ण की पूरी नारायणी सेना मांग ली थी।
और अर्जुन ने केवल श्री कृष्ण को मांगा था।
उस समय भगवान
श्रीकृष्ण ने अर्जुन की चुटकी (मजाक) लेते हुए कहा:-
हार निश्चित हैं तेरी, हर दम रहेगा उदास ।
माखन दुर्योधन ले गया, केवल छाछ बची तेरे पास ।
अर्जुन ने कहा :- हे प्रभु
जीत निश्चित हैं मेरी, दास हो नहीं सकता उदास ।
माखन लेकर क्या करूँ, जब माखन चोर हैं मेरे पास ।

"   मथुरा की खुशबू  "
" गोकुल का हार "
            " वृन्दाबन की सुगंध  "
" बरसाने की फुहार "
            " राधा की उम्मीद "
" कान्हा का प्यार "
            " मुबारक हो आपको "
"  जन्माष्टमी का त्योहार "
         
Jay Dhwarkadhish



योगिराज, महान तपस्वी, आप्त पुरुष, 16 कलाओं में निपुण श्री कृष्ण महाराज के जन्मदिवस पर आप सभी मित्रगणों को हार्दिक शुभकामनाएं..आशा है भक्तगण श्री कृष्ण के चित्र की नहीं चरित्र की पूजा कर अपने जीवन में अमल करेंगे, ओ३म्।।