Best Hindi Poem - भारत का नागरिक
Today sharing best Hindi poem or adding one more interesting Hindi poem to our collection.भारत का नागरिक beautifully define by the poet. Hope that you will like this.
मैं भारत का नागरिक हूँ,*
*_मुझे लड्डू दोनों हाथ चाहिये।*
*-बिजली मैं बचाऊँगा नहीं,*
*_बिल मुझे माफ़ चाहिये ।*
*-पेड़ मैं लगाऊँगा नहीं,*
*_मौसम मुझको साफ़ चाहिये।*
*-शिकायत मैं करूँगा नहीं,*
*_कार्रवाई तुरंत चाहिये ।*
*-बिना लिए कुछ काम न करूँ,*
*_पर भ्रष्टाचार का अंत चाहिये ।*
*-घर-बाहर कूड़ा फेकूं,*
*_शहर मुझे साफ चाहिये ।*
*-काम करूँ न धेले भर का,*
*_वेतन लल्लनटाॅप चाहिये ।*
*-एक नेता कुछ बोल गया सो*
*_मुफ्त में पंद्रह लाख चाहिये।*
*-लाचारों वाले लाभ उठायें,*
*_फिर भी ऊँची साख चाहिये।*
*-लोन मिले बिल्कुल सस्ता,*
*_बचत पर ब्याज बढ़ा चाहिये।*
*-धर्म के नाम रेवडियां खाएँ,*
*_पर देश धर्मनिरपेक्ष चाहिये।*
Also Check
Happy mothers Day Poem Hindi
Nrc and CAB Bill Poem in Hindi
*-जाती के नाम पर वोट दे,*
*_अपराध मुक्त राज्य चाहिए।*
-टैक्स न मैं दूं धेलेभर का,
-विकास मे पूरी रफ्तार चाहिए ।
*-मैं भारत का नागरिक हूँ ,*
*_मुझे लड्डू दोनों हाथ चाहिए।*