जिन्दगीं में किसी का साथ काफी हैं, कंधे पर किसी का हाथ काफी हैं

एक बार संख्या 9 ने 8 को थप्पड़ मारा  8 रोने लगा...
पूछा मुझे क्यों मारा..?

9 बोला...
मैं बड़ा हु इसीलए मारा..

सुनते ही 8 ने 7 को मारा
और 9 वाली बात दोहरा दी

7 ने 6 को..
6 ने 5 को..
5 ने 4 को..
4 ने 3 को..
3 ने 2 को..
2 ने 1 को..

अब 1 किसको मारे
1 के निचे तो 0 था !

1 ने उसे मारा नहीं
बल्कि प्यार से उठाया
और उसे अपनी बगल में
बैठा लिया

जैसे ही बैठाया...
उसकी ताक़त 10 हो गयी..!और 9 की हालत खराब हो गई.

जिन्दगीं में किसी का साथ काफी हैं,
कंधे  पर  किसी का  हाथ  काफी हैं,
दूर हो या पास...क्या फर्क पड़ता हैं,
     💐"अनमोल रिश्तों"💐
का तो बस "एहसास" ही काफी हैं !